शत्रु संपत्ति आर्डिनेंस अलोकतांत्रिक और मानवाधिकार को नकारने वालाः मोहम्मद सलीम इंजीनियर
नई दिल्ली, 28 दिसंबर। शत्रु संपत्ति से संबंधित संशोधन विधेयक को अध्यादेश के द्वारा लागू किये जाने पर जमाअत इस्लामी हिन्द के महासचिव मोहम्मद सलीम इंजीनियर ने इसे लोकतंत्र के खिलाफ बताते हुए कहा कि असाधारण परिस्थिति में ही अध्यादेश का सहारा लिया जाना चाहिए और सरकार इसमें शीघ्रता दिखा रही है जिससे संदेह पैदा होना अनिवार्य है। एक साल में पांचवी बार इस अध्यादेश को लाने पर राष्ट्रपति ने भी चिंता प्रकट किया है।
महासचिव ने कहा कि राज्यसभा में संबंधित बिल के विरोध के बाद सेलेक्ट कमीटी का गठन किया गया था जिसके कई सदस्यों ने इसे क्रूर ठहराया था। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यह अल्पसंख्यकों को परेशान करने का एक हथकंडा है जिसकी हम निन्दा करते हैं।
सलीम इंजीनियर ने कहा कि इस अध्यादेश से संपत्ति और विरासत का कानून भी प्रभावित होगा जो मौलिक अधिकार का उल्लंघन है। यह पर्सनल लॉ में भी एक तरह से हस्तक्षेप है जो हमें स्वीकार नहीं। उन्होंने कहा कि इस संशोधन का निशाना खासतौर पर मुसलमान होंगे और मुसलमानों की जायदाद को शत्रु संपत्ति करार देकर उनके खिलाफ नफरत का माहौल बनाने का प्रयास किया जा सकता है जिसका देश और समाज पर दूरगामी प्रभाव पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह इस तरह के संशोधन पर संसद में चर्चा कर के ऐसा कानून बनाये जिसमें किसी के साथ अन्याय न हो।
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