महिलाओं में समाज की बेहतरी के लिए सकारात्मक योगदान देने की क्षमता है – रहमतुन्निसा
29 फरवरी, लंदन: जमाअत इस्लामी हिंद के महिला विभाग की सह-सचिव रहमतुन्निसा स्ट्राइव यू.के. (STRIVE UK) द्वारा लंदन की ब्रेंट मस्जिद में आयोजित एक महिला सम्मेलन में शामिल हुईं। सम्मेलन का विषय “मैं और मेरी दुनिया” था। रहमतुन्निसा कार्यक्रम की मुख्य अतिथि थीं। उद्घाटन भाषण में उनहोंने कहा कि प्रासांगिक रूप से महिलाओं को सशक्त बनाने का महत्त्व अधिक नहीं रह गया है । आज के प्रसंग में देखा जाए तो भारत में महिलाओं ने अपनी आवाज हासिल कर लीं हैं। वे दमनकारी काले कानूनों के खिलाफ खड़ी हैं। स्त्री होना एक कमजोरी नहीं है, बल्कि एक बड़ी संभावना और शक्ति हैं। अगर सकारात्मक रूप से उनका इस्तेमाल कि जाए तो वे समाज में चमत्कार पैदा कर सकती हैं। लन्दन के महिला सम्मलेन को सम्बोधित करते हुए उनहोंने कहा कि महिला को कमज़ोर वर्ग समझने कि रूढ़िवादी सोच उन्हें सिमित दायरे में रख देती है। यह ग़लत सोच की दोषी भावना और एक उचित दृष्टि की कमी की कमी के कारण ऐसा है। उन्होंने कहा कि इस्लाम ने समाज का सहयोग करने वाला सदस्य बनने के लिए महिला और पुरुष में कोई भेद नहीं रखा है, बल्कि उसके समर्थन में दिशानिर्देश दिए हैं। अपनी बात के समर्थन में उन्होंने इतिहास से लेकर आज तक के शाहीन बाग प्रदर्शनकारियों का हवाला देते हुए मुस्लिम महिलाओं के अनुकरणीय योगदान का उदाहरण दिया।
सम्मेलन में यूके, भारत और मध्य पूर्व के विभिन्न वक्ताओं ने भाग लिया। कौलट, लाम्या, अमृत विल्सन, क्लाउडिया रेडीवन, शरिफा फज़ल, सारिया, रमला अख्तर, राशिदा हसन, फातिमा राजीना, माहिरा रूबी, नसरीन सय्यद और रग़द अलतिकरीती ने पैनल चर्चा में हिस्सा लिया।
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