Urdu newspaper ‘Dawat’ launched in new weekly format; its news portal, mobile App also launched (HINDI)

October 29, 2019

साप्ताहिक दावत, दावत न्यूज़ पोर्टल और मोबाइल ऐप्प का विमोचन

सच्ची पत्रकारिता एक सच्चे व्यक्ति, एक सच्चे व्यक्तित्व और इन सब के साथ एक अच्छे और सच्चे राष्ट्र का निर्माण करती है : सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी

नई दिल्ली, 28 अक्टूबर | दावत वीकली अखबार और उसके ऑनलाइन पोर्टल (https://dawatnews.net) व मोबाइल ऐप्प (https://dawatnews.net/dawat.apk) का उद्घाटन समारोह, जमाअत इस्लामी हिन्द के केन्द्रीय मुख्यालय दिल्ली में शनिवार को सम्पन्न हुआ. इस अवसर पर दावत अख़बार के संपादक सदस्यों के साथ-साथ जमाअत इस्लामी हिन्द के केन्द्रीय पदाधिकारियों, दिल्ली के वरिष्ठ पत्रकारों व बुद्धजीवियों समेत भारी संख्या में आम जनमानस की भी उपस्थिति रही.

 

जमाअत इस्लामी हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने इस अवसर पर सभा को सम्भोधित करते हुए कहा कि, “पत्रकारिता किसी मुसाफ़िर के हाथ में टॉर्च की रौशनी की तरह है जिस टॉर्च की सहायता से रास्ते के उतार-चढ़ाव और कठिनाइयों को देख सकता है और अपना बचाव कर सकता है. वर्तमान में पूरी दुनिया में सच्चाई को दबाया जा रहा है. फेक ख़बरों की एक भीड़ है. सच्चाई और हकीक़त सामने आने से महरूम है. इसलिए हक़ की आवाज़ को मज़बूती के साथ उठाने की ज़रूरत है.”

 

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष डॉ० ज़फ़रुल इस्लाम ख़ान, जमाअत इस्लामी के राष्ट्रीय महासचिव टी०आरिफ़ अली, जमाअत इस्लामी हिन्द के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और इस्लामी विद्वान व लेखक मौलाना सैयद जलालुद्दीन उमरी, जमाअत इस्लामी हिन्द के तीनों राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, इं० मोहम्मद सलीम, मौलाना मोहम्मद जाफ़र और इंजीनियर एस०अमीनुल हसन तथा दावत अख़बार के पूर्व संपादक परवाज़ रहमानी भी मौजूद रहे.

 

जमाअत अध्यक्ष ने कहा, “दावत अख़बार, समाज को सही रुख देने के लिए कार्यरत है और लोगों को वैचारिक दृष्टि से मज़बूत बनाने के लिए संकल्पित है. हमें आशा है, कि दावत अख़बार, तहरीके इस्लामी के उद्देश्यों को पूरा करेगा और समाज को बेहतर विचार और विज़न देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.”

 

सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने कहा, “अगर आप सच्ची और न्यायपूर्ण पत्रकारिता का दीपक जलाना चाहते हैं तो आप के क़लम में ताक़त, सच्चाई और ईमानदारी होनी चाहिए. सच्ची पत्रकारिता व्यक्ति का भी निर्माण करती है, व्यक्तित्व का भी निर्माण करती है और इन सब के साथ एक अच्छे राष्ट्र का निर्माण करती है.”

 

उन्होंने कहा कि, “दावत का मकसद फेक न्यूज़ के दौर में सच्चे व्यक्ति, व्यक्तित्व और सच्चे राष्ट्र का निर्माण करना है. हमें उम्मीद है कि दावत सही और सच्ची ख़बर दुनिया के सामने लाएगा. इसके लिए जो वरिष्ठ पत्रकार इस कार्यक्रम में मौजूद हैं उनका भी योगदान हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है.”

 

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष डॉ० ज़फ़रुल इस्लाम ख़ान ने भी सभा को संबोधित किया.

डॉ० ज़फ़रुल इस्लाम ने कहा, “दावत अख़बार से मेरा 46 साल पुराना सम्बंध है. मैं इस बात को भी यहाँ ईमानदारी से कहना चाहता हूँ कि मैंने अपना पहला लेख दावत में ही लिखा था. दावत अखबार सिर्फ़ लेख और ख़बर नहीं देता बल्कि ये पत्रकारों को पैदा भी करता है, उनका व्यक्तित्व निर्माण भी करता है और उन्हें विचार व दृष्टि भी प्रदान करता है.”

 

उन्होंने कहा कि, “किसी अखबार या पर्चे को निकालना बहुत बड़ा काम होता है. मगर इस वक़्त दैनिक अख़बार की बहुत ज़रूरत है. बाज़ार में बहुत से अख़बार हैं जो डिज़ाइन की दृष्टि से बहुत अच्छे हैं लेकिन लेख, ख़बर और कंटेंट में बहुत ही घटिया हैं. ऐसे में अच्छे अख़बार का एक स्पेस है जिसका फ़ायेदा जमाअत या दावत को उठाना चाहिए.”

 

जमाअत इस्लामी के पूर्व राष्ट्रिय अध्यक्ष और इस्लामी विद्वान व लेखक मौलाना सैयद जलालुद्दीन उमरी ने इस समारोह में अपने विचार रखते हुए कहा, “आज मीडिया एक मज़बूत ताकत है. जमाअत ने शुरू से ही मीडिया के महत्त्व को समझा और इसे प्राथमिकता दी. जो लोग जमाअत के विचार और दृष्टिकोण को जानना चाहते थे दावत के ज़रिये उनका मार्गदर्शन होता था.”

 

मौलाना जलालुद्दीन उमरी ने कहा, “दावत हमेशा से एक गंभीर, संजीदा और सच्ची पत्रकारिता के लिए जाना जाता है. यही दावत की पहचान है और यही इसकी पूँजी भी है. आशा है कि दावत अख़बार और ऑनलाईन पोर्टल आगे भी अपनी इस ख़ूबी को बरक़रार रखेगा.”

 

दावत अख़बार के पूर्व संपादक परवाज़ रहमानी ने अख़बार की ऐतिहासिक यात्रा पर प्रकाश डाला और ये बताया कि किस प्रकार ये अख़बार एक लम्बा सफ़र तय करता हुआ यहाँ तक पहुंचा है.

 

परवाज़ रहमानी ने बताया कि सबसे पहले जमाअत के सदस्यों तक ख़बरों को पहुँचाने के लिए 1948 में ‘अल-इंसाफ’ नाम से अख़बार शुरू किया गया. फिर 1953 में वीकली दावत के नाम से अख़बार जारी किया गया. 1960 में जमाअत के आल इण्डिया कन्फेरेंसे में इसे दैनिक अख़बार के रूप में निकालने का निर्णय लिया गया जो 1982 तक जारी रहा. जब दावत दैनिक निकलता था उस समय इसके 6 पृष्ठ हुआ करते थे मगर साथ ही इसका बाई वीकली एडिशन भी होता था और महीने में 10 अंक निकला करते थे.

 

बाई वीकली दावत का आखरी अंक 7 अगस्त 2019 को निकला. इसके बाद दावत साप्ताहिक का शुभारम्भ 26 अक्टूबर 2019 को जमाअत के राष्ट्रीय मुख्यालय में हुआ.

 

उन्होंने बताया कि, “हुकूमत से बिना कुछ माली मदद या किसी भी प्रकार का लाभ लिए लगातार जमाअत इस अख़बार को निकालती रही जो कि एक कठिन कार्य था. जमाअत इस अख़बार का अख़बार मिल्लत के सभी वर्गों में पढ़ा जाता रहा. दुसरे लोगों में इसकी लोकप्रियता भी बढ़ती रही और मिल्लत के सभी वैचारिक दृष्टिकोण को जगह भी दी जाती रही. दावत ने सम्प्रदाय से ऊपर उठ कर कार्य किया. दावत अख़बार ने ख़ुद को सिर्फ़ जमाअत के दायरे में ही नहीं समेटा बल्कि बहुत से दूसरे वैचारिक लोगों को भी अपने कॉलम में जगह दिया.”

 

इस कार्यक्रम का संचालन इं. मोहम्मद सलीम साहब ने किया. उन्होंने सभी अतिथियों का आभार प्रकट किया और इस ऑनलाईन पोर्टल में हर प्रकार से सक्रीय योगदान देने के लिए कहा.

 

मीडिया प्रभाग

जमाअत इस्लामी हिन्द

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