Palghar lyching – an inhuman hate crime: Salim Engineer (HINDI)

April 21, 2020

पालघर मॉबलिंचिंग अमानवीय और घृणित कृत्यः मोहम्मद सलीम इंजीनियर

नई दिल्ली, 21 अप्रैल 2020। महाराष्ट्र के पालघर जिले में भीड़ द्वारा तीन साधुओं की निर्मम हत्या (मॉब लिन्चिग) ने हमारे भारतीय समाज को कलंकित किया है, इस घटना से हम भारतीय लज्जित हैं। इस अमानवीय और घृणित कृत्य की हम कड़े शब्दों में निन्दा करते हैं। प्रकट रूप से यह क़ानून व्यवस्था का उपहास है। ये बातें जमाअत इस्लामी हिन्द के उपाध्यक्ष प्रोफेसर सलीम इंजीनियर ने मीडिया को जारी एक बयान में कहीं।

 

उन्होंने कहा कि पुलिस की मौजूदगी में इस तरह की घटना स्थिति को और भी गंभीर बनाती है। इस घटना ने एक बार फिर हमें यह सोचने पर विवष किया है कि समाज में हिंसा की बढ़ती प्रवृति, राजनीतिक स्वार्थों के लिए इन प्रवृत्तियों को बढ़ावा देकर समाज का साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण, किसी एक वर्ग विशेष के प्रति हिंसा को सरकारों द्वारा रोकने के प्रति उदासीनता, दलितों एवं अल्पसंख्यकों पर सुनियोजित हमले करने वाले समाज व राष्ट्र विरोधी तत्वों को सजाओं का न मिलना एवं उनको राजनीतिक संरक्षण और कभी कभी राजनीतिज्ञों द्वारा उनका महिमामण्डन हिंसा को बढ़ावा देने के मुख्य कारण हैं। इन जैसी प्रवृत्तियों की रोकथाम के लिए कारगर उपाय किए जाने की आवश्यकता है।

 

प्रोफेसर सलीम इंजीयिर ने कहा कि लोगों में क़ानून-व्यवस्था के प्रति अनादर का भाव पैदा होना और क़ानून हाथ में लेने की प्रवृत्ति चिंताजनक है। मीडिया के एक हिस्से द्वारा अपने आर्थिक स्वार्थों या राजनीतिक ताकतों के इशारे पर नफ़रत की मुहिम चलाने एवं समाज के विभिन्न वर्गों में अविश्वास और वैमनस्य की भावना को बढ़ाने के योजनाबद्ध प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे समाज में हिंसा की प्रवृत्ति पहले किसी विशेष वर्ग के प्रति बढ़ती है और बाद में उसकी आंच आम लोगों तक पहुंच जाती है। शायद हमारा समाज अब उस चरण की ओर बढ़ रहा है जो बहुत चिंताजनक है। सरकार को चाहिए कि खास घटनाओं के दोषियों या षडयंत्रकारियों को सज़ा देने के साथ सरकार को समाज में बढ़ते हुए इस खतरनाक रुझान को रोकने का गंभीर प्रयास करे। घटना के लिए दोषी लोगों को क़ानून के मुताबिक यथाशीघ्र सजायें दी जाएं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृति न हो सके। इसे गंभीरता से न लेने या इसमें देरी करने की स्थिति में इसके परिणाम भयावह हो सकते हैं।

द्वारा जारी
मीडिया प्रभाग,
जमाअत इस्लामी हिन्द

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